प्रगतिवादी काव्यधाराः साहित्यिक प्रवृतियां
Sinopsis del Libro
डॉ० अमृतपाल कौर, पिता सरदार जगरूप सिंह, मंडी डबवाली, जिला सिरसा (हरियाणा), परास्नातक हिंदी, परास्नातक राजनीतिक विज्ञान, परास्नातक शिक्षा, वाचस्पति हिंदी, वाचस्पति शिक्षा, पी.एच.डी. शिक्षा, पिछले १५ वर्षों से अध्ययन एवं शोध कार्य कर रही हैं वर्तमान में आप पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के शैक्षणिक तकनीकी एवं व्यवसायिक शिक्षा संस्थान में सहायक प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हैं। आपके १३ से अधिक शोध पत्र विभिन्न राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रों में प्रकाशित हुए हैं। आपने अनेक सेमिनार/ कॉन्फ्रेंस में भाग लेने के साथ-साथ विभिन्न शोध पत्रों को प्रस्तुत भी किया है। आप पंजाब विश्वविद्यालय के विभिन्न शैक्षिक, तकनीकी एवं प्रशासनिक कमेटियों की सदस्या हैं। पंजाब विश्वविद्यालय अध्यापक संघ (पूटा) की पिछले ३ वर्षों से कार्यकारिणी की सदस्या हैं। आप इंडियन एसोसिएशन ऑफ टीचर एजुकेटर्स की आजीवन सदस्या हैं। गोल्डन रिसर्च थॉट्स, एवं इंडियन स्ट्रीम्स रिसर्च जर्नल की संपादकीय परिषद की सदस्या भी रही हैं। प्रस्तुत पुस्तक आपके निरंतर शोध एवं गहन चिंतन का परिणाम है।
Ficha del Libro
Total de páginas 1
Autor:
- डॉ० अमृतपाल कौर
Categoría:
Formatos Disponibles:
MOBI, PDF, EPUB, AZW
Descargar Libro
Valoración
3.5
50 Valoraciones Totales